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टेस्ट क्रिकेट में मास्टर चेंजर की भूमिका में नाकाम रहे हैं विराट
By Swadesh | Publish Date: 20/12/2018 9:29:20 PM
file photo
नई दिल्ली। विश्व के नंबर एक बल्लेबाज और एकदिवसीय क्रिकेट में मास्टर चेंजर माने जाने वाले भारतीय कप्तान विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में मास्टर चेंजर की भूमिका में नाकाम रहे हैं।
भारत की पिछले 12 महीनों में तीन विदेशी दौरों में टीम इंडिया की नाकामी के आंकड़ों में यह बात सामने निकल कर आई है कि टेस्ट क्रिकेट में विराट उतनी कुशलता के साथ लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाए हैं जितना कि वह एकदिवसीय क्रिकेट में कर पाते हैं। भारत के पास इन 12 महीनों में दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में कई मैच जीतने का सुनहरा मौका था लेकिन विराट इन महत्वपूर्ण मौकों में टीम को जीत की मंजिल पर नहीं ले जा सके।
हालांकि इस दौरान उन्होंने एकदिवसीय मैचों में मास्टर चेंजर की भूमिका को सफलतापूर्वक निभाया। वनडे में 38 और टेस्ट में 25 शतक जड़ चुके विराट के इन सीरीज के आंकड़ों को देखा जाए तो कुछ निराशा ही हाथ लगेगी। दक्षिण अफ्रीका दौरे में केपटाउन में खेले गए पहले टेस्ट में भारत के सामने जीत के लिए 208 रन का लक्ष्य था लेकिन टीम 135 रन पर सिमट गई और इसमें विराट का योगदान 28 रन का रहा।
चुरियन में दूसरे टेस्ट में भारत के सामने 287 रन का लक्ष्य था और यहां भी भारतीय टीम 155 रन पर ढेर हो गई। विराट मात्र पांच रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इंग्लैंड में बर्मिंघम में खेले गए पहले टेस्ट में भारत को 194 रन का लक्ष्य मिला था और टीम 162 रन पर आउट हो गई। विराट ने हालांकि 51 रन बनाए लेकिन वह सातवें विकेट के रूप में टीम के 141 के स्कोर पर आउट हुए जिसके बाद भारतीय टीम 162 रन पर सिमट गई।
इस मुकाबले में विराट के पास भारत को जिताने का पूरा मौका था लेकिन वह टीम की नैया को मझदार में ही छोड़ गए। साउथम्प्टन में चौथे टेस्ट में भारत के सामने 245 रन का लक्ष्य था लेकिन टीम इंडिया 184 रन पर सिमट गई। विराट ने 58 रन बनाए और वह चौथे विकेट के रूप में 123 के स्कोर पर आउट हुए।