राजीव गांधी प्रौद्यागिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में गुरूवार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) कार्यकर्ताओं ने आर्थिक अनियमिताओं एवं भ्रष्ट्राचार के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने रजिस्ट्रार आरएस राजपूत के कक्ष में लगी नेमप्लेट कालिख भी पोत दी। कार्यकतार्ओं ने विवि के गेट के समक्ष प्रदर्शन किया और रजिस्ट्रार के इस्तीफे की मांग की। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने भी अब इस मामले में मैदान पकड़ लिया है। अभाविप ने शुक्रवार को सुबह 12:30 बजे विवि परिसर में धरना-प्रदर्शन की घोषणा की है। अभाविप के महानगर मंत्री प्रभाकर मिश्रा ने कहा है कि आरजीपीवी में हाल ही में साफ्टवेयर खरीदी सहित अन्य आर्थिक अनियमितताओं के मामले सामने आए हैं। हाल ही में जारी हुए परीक्षा परिणाम में भी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को फेल कर दिया गया है। जिसका नि:शुल्क मूल्यांकन की मांग परिषद द्वारा की जा रही है। आरजीपीवी में अनियमिताओं एवं भ्रष्ट्राचार के खिलाफ परिषद द्वारा यह धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे। इस मामले में कुलपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री को भी मिलकर मामले से अवगत कराया जाएगा।
नहीं लिया ज्ञापन, उग्र आंदोलन की चेतावनी :
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने बताया कि एनएसयूआई कार्यकर्ता रजिस्ट्रार के कक्ष तक जाना चाहते थे, परंतु पुलिस ने उन्हें मुख्य द्वार पर ही रोक दिया। इस दौरान एनएसयूआई छात्र नेताओं और पुलिस प्रशासन के बीच नोक झोंक और धक्कामुक्की भी हुई। प्रदर्शन को देख रजिस्ट्रार राजपूत पीछे के दरवाजे से चले गए उसके बाद एनएसयूआई कार्यकतार्ओंं को अंदर जाने दिया गया। कार्यकर्ता ज्ञापन सौंपना चाहते थे, लेकिन कुलपति और रजिस्ट्रार नहीं होने से किसी ने उनका ज्ञापन नहीं लिया। एनएसयूआई ने चेतावनी दी कि यदि रजिस्ट्रार ने 15 दिन के अंदर पद से इस्तीफ ा नहीं देते हैं तो एनएसयूआई प्रदेश भर में उग्र आंदोलन करेगी।