भाजपा ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर हो रही हिंसा पर ममता सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। भाजपा ने इस हिंसा के लिए सीधे ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस और ममता सरकार के संरक्षण में प्रदेश में हिंसा का तांडव हो रहा है। पश्चिम बंगाल में जो हो रहा है वह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का बहुत ही काला अध्याय है।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। वहां की सरकार और पुलिस की मिलीभगत से हिंसा को अंजाम पहुंचाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल की सरकार और पुलिस जिस प्रकार का बर्ताव कर रही है, वह लोकतंत्र पर बहुत बड़ा कलंक है। लोकतंत्र और चुनावी इतिहास में इसे काला अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पश्चिम बंगाल की जनता ने कम्युनिस्टों को सबक सिखाया, उसी तरह वह तृणमूल कांग्रेस को भी सबक सिखाएगी। भाजपा प्रवक्ता ने पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले की 25 से 30 घटनाओं की सूची बताई। उन्होंने राज्य चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि नामांकन के अंतिम दिन पश्चिम बंगाल के 341 ब्लॉक में टीएमसी के 40 हजार से ज्यादा नेताओं ने पर्चा दाखिल किया। इसके अलावा वामदलों, कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने भी नामांकन किया। यानी एक व्यक्ति के नामांकन की जांच पर औसतन 2 मिनट का समय आया। जबकि, 2 मिनट में नामांकन पत्र की जांच करना संभव ही नहीं है। इससे पता चलता है कि ममता सरकार ने किस तरह से व्यवस्था को किस तरह दबोच रखा है। क्या यह लोकतंत्र का उपहास नहीं है। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि हिंसा की जो खेल वह खेल रही है, वाम दल भी ऐसा ही करते थे। आज उनकी क्या हालत है, यह किसी से छुपा नहीं है।
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