खुशहाली ला रहा योगी का आर्थिक मॉडल
देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर आत्मनिर्भर भारत को मजबूती प्रदान कर रहा उ.प्र.

डॉ. रहीस सिंह
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में सिने-इकोनोमी, इण्डस्ट्रियल इकोनोमी और मार्केट इकोनोमी के समागम की ग्लोरियस हिस्ट्री लिखता हुआ दिखा। इसी समय देश के वित्तीय बाजार की नब्ज की तरह काम करने वाले बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने लखनऊ म्युनिस्पिल कार्पोरेशन बॉन्ड की लिस्टिंग की जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नये युग की शुरूआत कहा। एक नए युग की शुरूआत इसलिए क्योंकि जो प्रदेश कुछ वर्ष पहले तक बीमारू प्रदेश की श्रेणी में आता रहा हो वह प्रदेश आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर आत्मनिर्भर भारत को मजबूती प्रदान कर रहा है। वह प्रदेश गवर्नेंस मैकेनिज्म और इकोनोमी रिफार्म के माध्यम से काम्पिटीटिव इकोनोमी बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है जिसका प्रमाण है ईज आफ डूइंग बिजनेस में लम्बी छलांग लगाकर दूसरे स्थान पर पहुंचना। वह प्रदेश विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर सर्वश्रेष्ठ कनेक्टिविटी सुनिश्चित विकास के इंजन के रूप में स्वयं प्रस्तुत कर रहा है। साथ ही उत्तर प्रदेश इन्क्ल्यूसिव विकास के जरिए अंतिम पायदान पर खड़े अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचा कर ईज आफ लाइफ की ओर बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सार्थक प्रयासों का ही परिणाम है कि आज देश और प्रदेश के आम आदमी से लेकर उद्यमी, व्यवसायी और निवेशक सभी सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में अपना भरोसा जता रहे हैं। ऐसे आशा भरे वातावरण में जब लखनऊ नगर निगम के बांड्स की ऐतिहासिक लिस्टिंग के लिए बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज के हेरिटेज हॉल में परम्परागत 'रिंगिंग बेल सेरेमनी' मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में हुयी तो इसका अपना मतलब है। कोरोना कालखण्ड में लखनऊ नगर निगम द्वारा 200 करोड़ रुपये के म्युनिसिपल बॉन्ड की लिस्टिंग यह संदेश देती है कि उत्तर प्रदेश पूरे विश्वास के साथ विकास और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। पूरे उत्तर भारत में म्युनिसिपल कार्पोरेशन बांड्स की यह पहली सूचीबद्धता बदलते उत्तर प्रदेश का प्रमाण है। यह यूपी के न्यू इकोनोमिक माडल, न्यू विजऩ या यूं कहें कि यह योगीनोमिक्स का परिणाम है जिसने सोशल डायनामिक्स को बदला है, सोशियो-इकोनोमिक स्ट्रक्चर को प्रोग्रेसिव बनाया है, जिसने वेलफेयरिज्म की स्थापना है, जिसने बिजनेस इनयारनमेंट में सकारात्मक रूप से आमूलचूल परिवर्तन किया है, जिसने इकोनोमिक रिफार्म के जरिए उत्तर प्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ बिजनेस डेस्टिनेशन बनाया है। उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम नगर अर्थव्यवस्था और नगरीय जीवंतता के लिए निर्णायक साबित होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो नगर बाजार अर्थव्यवस्था के बेहतर इंजन साबित नहीं हो पाएंगे। आज की जरूरत यह है कि नगर नवोन्मेष के प्रतिनिधि बनें। यह बात आर्थिक दुनिया पूरी तरह से स्वीकार कर रही है कि नगर हमारे 'इनीशिएबल फ्यूचर' हैं। आज वैश्विक अर्थव्यवस्था ही नहीं बल्कि वैश्विक जीवन भी शिफ्टिंग से गुजर रहा है। इसमें बाजार ही नहीं बल्कि नगर भी निर्णायक भूमिका में होंगे। यदि शहर असमर्थ साबित हुए तो शहरी अर्थव्यवस्थाएं प्रतियोगिता से बाहर होंगी और उस स्थिति में शहरों में मिसलीडिंग सोसाइटी आकार लेने में सफल हो जाएगी। यही कारण है कि वर्ष 2008 में ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने घोषणा की थी कि शहरीकरण वैश्विक बदलाव का प्रमाण है और शहर इस नये युग के प्रतिनिधि हैं। इस दृष्टि से लखनऊ नगर निगम की बीएसई में उपस्थिति वास्तव में एक नये युग की परिचायक है। इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी अर्थव्यवस्था की लाइफलाइन होती है। इसलिए ये दोनों घटक जितने बेहतर होगें आर्थिक विकास उतना ही फास्ट, सस्टेनेबल और इन्क्लुसिव होगा। आज उत्तर अपनी पहचान 'स्टेट ऑफ एक्सप्रेसवेज' के रूप में बनाने की ओर तेजी से बढ़ रहा है तो यह कहने में कोई हर्ज नहीं होना चाहिए कि उत्तर प्रदेश जल्द ही प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी जी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत की धुरी बनेगा। इस दिशा में डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर बेहद महत्वपूर्ण है। यह कारिडोर आफ डिफेंस एंड इकोनोमी के रूप में आकार ले सकता है। इसमें 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की संभावनाएं हैं जो जिससे न केवल डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को नई दिशा देगा बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान का निर्णायक हिस्सा बनेगा। इससे तिहरा लाभ हासिल होगा। पहला रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता, दूसरा रोजगार और तीसरा डिफेंस इकोनोमी । कोविड 19 के दौरान ही सरकार एक तरफ जहां वायरस से लड़ी और प्रदेश के लोगों को सुरक्षित व स्वस्थ रखने की सफल व्यूह रचना बनायी वहीं दूसरी तरफ निवेश हेतु एक स्वस्थ वातावरण निर्मित करने के लिए बहुत सी नई नीतियों को अपनाया। इंडस्ट्रियल इनवेस्टमेंट एंड एम्प्लायमेंट प्रोमोशन पालिसी 2017 की शुरूआत के साथ सरकार ने पालिसी ओरिएंटेड गवर्नेंस मैकेनिज्म अपनायी जो कि इंटरप्रेन्योरशिप, इनोवेशन और मेक इन यूपी में निर्णायक भूमिका निभा रही है। पोस्ट कोविड काल में अर्थव्यवस्था को गति देने और निवेश प्रोत्साहन के लिए सरकार नई नीतियां लागू की गयी हैं। इनमें प्रमुख है 'पोस्ट कोविड-19 एक्सीलिरेटेड इनवेस्टमेंट प्रोमोशन पालिसी फार बैकवर्ड रीजन्स 2020' जिसके तहत राज्य सरकार पूर्वांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड क्षेत्रों को विकास के केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए नई औद्योगिक इकाइयों को फास्ट ट्रैक मोड पर आकर्षक इंसेंटिव दे रही है। उत्तर प्रदेश में बदलते बिजनेस एनवायरमेंट का ही परिणाम है कि निवेशकों के लिए उत्तर प्रदेश पसंदीदा अब स्थान बन रहा है। कोरोना महामारी के दौरान भी, 52 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने यूपी में रुचि दिखाई है और लगभग 45,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
( लेखक मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के सूचना सलाहकार हैं ।)