फिनलैंड में नहीं बदला वर्किंग शेड्यूल; सप्ताह में पांच दिन करना होगा काम, जानें क्या है सच्चाई
नए ऐलान की खबर सुर्खियों में है वह पूरी तरह गलत है। वहां की प्रधानमंत्री सना मारिन की ओर से ऐसा ऐलान नहीं किया गया है कि यहां सप्ताह में चार दिन वर्किंग और तीन दिन आराम के साथ हर दिन 6 घंटे की शिफ्ट होगी।
फिनलैंड, फिनलैंड में वर्किंग शेड्यूल को लेकर जो नए ऐलान की खबर सुर्खियों में है वह पूरी तरह गलत है। वहां की प्रधानमंत्री सना मारिन की ओर से ऐसा ऐलान नहीं किया गया है कि यहां सप्ताह में चार दिन वर्किंग और तीन दिन आराम के साथ हर दिन 6 घंटे की शिफ्ट होगी। यहां की न्यूज वेबसाइट न्यूज नाउ फिनलैंड के अनुसार, फिनलैंड सरकार की पॉलिसी में भी इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसे यह जानकारी अनेकों सरकारी सूत्रों के हवाले से दी है। फिलहाल वहां सप्ताह में पांच दिन और हर दिन 8 घंटे काम करने का प्रावधान है।
यह है सच्चाई-
गत अगस्त 2019 में आर्गेनाइजेशन की 120वीं वर्षगांठ पर सीनियर सोशल डेमोक्रेट के नेता व पार्टी कार्यकर्ता फिनलैंड के दक्षिणपश्चिम तट पर तुर्कू में जमा हुए। यह केवल समारोह था न कि पॉलिसी बनाने की कोई मीटिंग थी। उस वक्त परिवहन मंत्री के तौर पर सना मारिन भी वहां थी और इसी समय उन्होंने यह आइडिया शेयर किया था कि अगर हम यहां के वर्किंग घंटों व दिनों को कम कर दें तो हमारी प्रोडक्टिीविटी बढ़ जाएगी। हालांकि उस वक्त इसपर अधिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी। यह केवल आइडिया मात्र था जो अब उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद इस तरह से वायरल हुआ है। उस वक्त प्रधानमंत्री एंटी रिन्ने थे और सना मारिन परिवहन मंत्री थीं। उन्होंने उस वक्त इस बारे में ट्वीट भी किया था। सामान्य तौर पर उन्होंने कहा था कि SDP पार्टी का उद्देश्य वर्किंग ऑवर्स को कम करना हे लेकिन यह स्पष्ट है कि यह कभी आधिकारिक सरकारी पॉलिसी नहीं थी। इस तुर्कू इवेंट के चार माह बाद 16 दिसंबर 2019 को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में सना मारिन के हवाले से यह खबर छपी। इसके बाद 2 जनवरी 2020 को ब्रुसेल्स के अखबार ने यह खबर छापी और हेडलाइन दिया कि फिनलैंड की प्रधानमंत्री ने 6 घंटे का सप्ताह में चार दिन वर्किंग डे करने की बात कही। बस इसके बाद से ही सारी कहानी शुरू हुई। ब्रिटिश मीडिया, अमेरिकी मीडिया में यह खबर वायरल हो गई। विदेशी मीडिया में भी फिनलैंड की प्रधानमंत्री का हवाला देते हुए यह खबर वायरल हो चुकी है कि दुनिया की सबसे युवा फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन ने सप्ताह के चार दिन और 6 घंटे काम का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा है और यदि यह पारित हो गया तो फिनलैंड दुनिया का पहला देश बनेगा जहां मात्र चार दिन की नौकरी पर जाना पड़ेगा।