काबुल में अफगान सिखों पर आतंकी हमला ... 25 लोगों की जान ले ली
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को एक भयानक आतंकी हमले में 25 लोगों की जान चली गई। अल्पसंख्यक समुदाय के सिखों पर यह सबसे भयानक हमला था। इस घातक हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस-खोरासन ने भले ली है, लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि असल में यह हमला आईएसआई की मदद से हक्कानी ग्रुप ने किया था।
काबुल . अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक प्रमुख गुरद्वारे पर बुधवार को हथियारों से लैस एक आत्मघाती आतंकवादी ने पर हमला कर दिया। इसमें कम से कम 25 लोगों की जान चली गई। इन लोगों के परिवार इस हमले को मानवता के खिलाफ अपराध करार दे रहे हैं।
मां, पत्नी, बच्चे को आंखों के सामने मारा
इस हमले में अपने परिवार के सात सदस्यों को खो चुके हरविंदर सिंह ने कहा कि हमलावर ने पुरुष-महिला और बच्चों पर गोलियां चलाईं। उसने किसी पर भी रत्ती भर दया नहीं दिखाई। 'उन्होंने मेरी मां, मेरी पत्नी और मेरे छोटे बच्चे को मेरी आंखों के सामने गोलियां दागकर मार डाला।'
'सभी को मार डाला'
उस दिल दहला देने वाले पल को याद करते हुए अपार सिंह कहते हैं, 'उन्होंने सभी को मार डाला, कोई जिंदा नहीं बचा।' गुरुद्वारे में कई छोटे-छोटे बच्चे भी मौजूद थे जो हमला और उसके बाद हुए एनकाउंटर के वक्त गुरुद्वारे में फंस गए। हर तरफ चीख-पुकार मची हुई थी। सुरकर्मियों ने जब उन्हें बाहर निकाला, तब उनके चेहरे पर खौफ साफ दिखाया दे रहा था।
मेरी मां का क्या अपराध?
इस हमले में अपनी मां को गंवा बैठा एक शख्स सवाल कर रहा है, 'मेरी मां का क्या अपराध था और देश के अल्पसंख्यकों को इस तरह क्यों निशाना बनाया जा रहा है।' उनके रिश्तेदार उन्हें ढांढस बंधाते हैं लेकिन सवाल उनके मन भी है, 'हमारा गुनाह क्या है? आइए और हमारे गुनाहों के बारे में बताइए। क्या हमने मुसलमानों के प्रति कुछ किया है?'