अमेरिकी संसद पर हमलाः हिंसा में लिप्त लोगों की नौकरियों पर तलवार, एफबीआई जुटा रही रिकॉर्ड

वॉशिंगटन। अमेरिकी संसद भवन यानी कैपिटल बिल्डिंग पर हमले व हिंसा में लिप्त लोगों को जेल की हवा खाने के साथ ही नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा। अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी यानी एफबीआई हिंसा में शामिल लोगों की तेजी से पहचान में जुटी है।
सोशल मीडिया में हमले व हिंसा में जिन लोगों के चेहरे नजर आ रहे हैं, उनकी तेजी से तलाश जारी है। अमेरिकी प्रशासन के साथ ही कंपनियां भी अपने ऐसे कर्मचारियों की पहचान व तलाश तेज कर रही है, जो बुधवार को अमेरिकी कैपिटल पर हमले में लिप्त थे। मैरीलैंड की डायरेक्ट मार्केटिंग कंपनी नैवीस्टार ने तो अपने एक कर्मचारी की पहचान कर उसे नौकरी से निकाल दिया है। इस कर्मचारी ने प्रदर्शन के वक्त कंपनी की पहचान का आईडी कार्ड लगा रखा था।
कंपनी ने कहा कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन व अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का समर्थन करती है, लेकिन जो भी कर्मचारी दूसरों के लिए खतरा पैदा करेगा, वह नौकरी में नही रह सकेगा। टेक्सास के एक वकील पॉल डेविस को भी गूसहेड इंश्योरेंस नामक कंपनी ने सेवा से निकाल दिया है। सोशल मीडिया पोस्ट के बाद डेविस के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हुई
इस बीच, अमेरिकी संसद भवन में बुधवार को ट्रंप समर्थकों के प्रदर्शन में हुई हिंसा में घायल एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई है। अब हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। यूएस कैपिटल पुलिस के अधिकारी ब्रायन डी सिकनिक बुधवार को प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प में घायल हो गए थे। इसके बाद सिकनिक अपने कार्यालय लौटे जहां वह बेहोश हो गए। सिकनिक की मौत की जांच मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग यूएससीपी और संघीय एजेंसियां करेंगी।
ट्रंप समर्थकों ने बोला था हमला
कांग्रेस सदस्य लॉयड डॉगेट ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'बुधवार को हुए दंगों में घायल यूएस कैपिटल पुलिस के एक अधिकारी की मौत हो गई। ट्रंप के विद्रोह भड़काने के कारण अब तक पांच लोगों की मौत हो गई। जवाबदेही तय की जानी चाहिए। कैपिटल में ट्रंप समर्थकों के हिंसक धावा बोलने के कारण कम से कम 50 पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे जिनमें से 15 को गंभीर चोटें आईं थीं।
आखिरकार ट्रंप ने भी की हिंसा की निंदा
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कैपिटल बिल्डिंग में अपने समर्थकों की हिंसा की बुधवार को यह कहते हुए अंततः निंदा की कि ऐसे लोग अमेरिका का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। सांसत में पड़े ट्रंप ने इसके साथ ही संकल्प लिया कि वह नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को सत्ता का व्यवस्थित, निर्बाध और सुगम हस्तांतरण सुनिश्चित करेंगे।
जबकि इससे एक दिन पहले ही ट्रंप ने अपने समर्थकों से कैपिटल का रूख करने का आह्वान किया था, जहां भीड़ जबरन संसद भवन के भीतर घुसी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नए वीडियो संदेश में कहा कि अमेरिका कानून.व्यवस्था का पालन करने वाला देश है और रहेगा। व्हाइट हाउस ने ट्रंप का यह वीडियो जारी किया। गुरुवार को इसे यूट्यूब पर पोस्ट किया गया।