शहरों से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर आज 'सुप्रीम' सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है।
नई दिल्ली, देश में लॉकडाउन के बीच आज सुप्रीम कोर्ट उन हजारों प्रवासी मजदूरों के लिए राहत की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा, जो कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के बीच शहरों को छोड़कर अपने घर जा रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में शहरों से पैदल गांव लौट रहे लोगों की स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। प्रवासी मजदूरों का कहना है कि उनके पास 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान घरों में रहने के लिए संसाधन नहीं हैं। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में वकील आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर जनहित याचिका में मांग की गई है कि हजारों प्रवासी श्रमिक परिवारों- महिलाओं, छोटे बच्चों, बड़ों और अलग-अलग तरह के लोगों के हृदय की भयावह और अमानवीय दुर्दशा का निवारण करें। कोरोना वायरस संकट के बीच ये लोग सैकड़ों किलोमीटर तक पैदल चलकर शहरों से अपने गांवों तक बिना भोजन, पानी, गाड़ी, चिकित्सा के पहुंच रहे हैं।प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसके बाद बेरोजगारी और जीवन निर्वाह के लिए पैसों की कमी के कारण हजारों प्रवासी मजदू शहरों को छोड़कर पैदल ही अपने-अपने गांवों की ओर निकल दिए थे, क्योंकि लॉकडाउन के कारण सभी परिवहन सेवाएं रुकी हुई थीं। इसके बाद सामने आई स्थितियों को देखते हुए कई राज्य सरकारों ने अपने मूल कस्बों और गांवों तक बसें चलाने की व्यवस्था की। हालांकि, इस बीच सरकारों की ये भी चिंताएं हैं कि ये सभी पलायन कर रहे प्रवासी मजदूर अपने गांवों तक कोरोना का संक्रमण फैला सकते हैं। इस बीच गृह मंत्रालय ने रविवार को राज्य सरकारों को अपनी सीमाओं को सील करने और लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है। साथ ही उन्हें उन लोगों को भी क्लारंटाइन में रखने को कहा गया है जो पहले से ही अपने गांव के लिए रवाना हो चुके हैं।