हमारा भविष्य कोई आपदा तय नहीं कर सकती, देश परिश्रम से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- कोरोना के इतने बड़े संकट में कोई ये दावा नहीं कर सकता कि किसी को कोई तकलीफ और असुविधा न हुई हो
आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा। देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने ज़िम्मेदारी सौंपी थी। इस अध्याय को रचने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है। ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए, अवसर है आपको नमन करने का, भारत और भारतीय लोकतंत्र के प्रति आपकी इस निष्ठा को प्रणाम करने का। यदि सामान्य स्थिति होती तो मुझे आपके बीच आकर आपके दर्शन का सौभाग्य मिलता। लेकिन, वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से जो परिस्थितियां बनी हैं, उन परिस्थितियों में, मैं इस पत्र के द्वारा आपके चरणों में प्रणाम करने और आपका आशीर्वाद लेने आया हू्ं। बीते वर्ष में आपके स्नेह, शुभाषीश और आपके सक्रिय सहयोग ने मुझे निरंतर एक नई ऊर्जा, प्रेरणा दी है। इस दौरान आपने लोकतंत्र की जिस सामूहिक शक्ति के दर्शन कराए वह आज विश्व के लिए एक मिसाल बन चुकी है। वर्ष 2014 में आपने, देश की जनता ने, देश में एक बड़े परिवर्तन के लिए वोट किया था, देश की नीति और रीति बदलने के लिए वोट किया था। उन पांच वर्षों में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकलते हुए देखा है। उन पांच वर्षों में देश ने अंत्योदय की भावना के साथ गरीबों का जीवन आसान बनाने के लिए गवर्नेंस को परिवर्तित होते देखा है। उस कार्यकाल में जहां विश्व में भारत की आन-बान-शान बढ़ी, वहीं हमने गरीबों के बैंक खाते खोलकर, उन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन देकर, मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर, शौचालय बनवाकर, घर बनवाकर, गरीब की गरिमा भी बढ़ाई। उस कार्यकाल में जहां सर्जिकल स्ट्राइक हुई, एयर स्ट्राइक हुई, वहीं हमने वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स- GST, किसानों की MSP की बरसों पुरानी मांगों को भी पूरा करने का काम किया। वह कार्यकाल देश की अनेकों आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समर्पित रहा। वर्ष 2019 में आपका आशीर्वाद, देश की जनता का आशीर्वाद, देश के बड़े सपनों के लिए था, आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए था। और इस एक साल में लिए गए फैसले इन्हीं बड़े सपनों की उड़ान है। आज जन-जन से जुड़ी जन मन की जनशक्ति, राष्ट्रशक्ति की चेतना को प्रज्वलित कर रही है। गत एक वर्ष में देश ने सतत नए स्वप्न देखे, नए संकल्प लिए, और इन संकल्पों को सिद्ध करने के लिए कदम भी बढ़ाए। भारत की इस ऐतिहासिक यात्रा में देश के हर समाज, हर वर्ग और हर व्यक्ति ने बखूबी अपना दायित्व निभाया है। 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' इस मंत्र को लेकर आज देश सामाजिक हो या आर्थिक, वैश्विक हो या आंतरिक, हर दिशा में आगे बढ़ रहा है। बीते एक वर्ष में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ज्यादा चर्चा में रहे और इस वजह से इन उपलब्धियों का स्मृति में रहना भी बहुत स्वाभाविक है। राष्ट्रीय एकता- अखंडता के लिए आर्टिकल 370 की बात हो, सदियों पुराने संघर्ष के सुखद परिणाम- राम मंदिर निर्माण की बात हो, आधुनिक समाज व्यवस्था में रुकावट बना ट्रिपल तलाक हो, या फिर भारत की करुणा का प्रतीक नागरिकता संशोधन कानून हो, ये सारी उपलब्धियां आप सभी को स्मरण हैं। इन ऐतिहासिक निर्णयों के बीच अनेक फैसले, अनेक बदलाव ऐसे भी हैं जिन्होंने भारत की विकास यात्रा को नई गति दी है, नए लक्ष्य दिए हैं, लोगों की अपेक्षाओं को पूरा किया है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के गठन ने जहां सेनाओं में समन्वय को बढ़ाया है, वहीं मिशन गगनयान के लिए भी भारत ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।