राफेल का शामिल होना पूरी दुनिया को कड़ा संदेश, खासकर उनके लिए जो हमारे हक पर नजर डाल रहे
फ्रांस से 36 राफेल की डील के तहत 5 विमानों का पहला बैच 29 जुलाई को भारत पहुंचा था
अम्बाला, फ्रांस से खरीदे गए 5 आधुनिक फाइटर जेट राफेल भारत आने के 43 दिन बाद आज अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन पर वायुसेना में शामिल कर लिए गए। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल का भारतीय वायुसेना में शामिल होना पूरी दुनिया के लिए कड़ा संदेश है, खासकर उनके लिए जो हमारे हक पर नजर डाल रहे हैं।वहीं वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि सुरक्षा की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राफेल को शामिल करने का इससे अच्छा समय कोई और नहीं हो सकता था। इससे पहले फ्रांस की डिफेंस मिनिस्टर फ्लोरेंस पार्ले की मौजूदगी में सर्वधर्म यानी हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई धर्म के अनुसार पूजा की गई। उसके बाद एयर-शो हुआ, जिसमें फाइटर प्लेन ने आसमान में ताकत दिखाई। फिर, लैंडिंग के बाद वॉटर कैनन सैल्यूट दिया गया।
17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन में शामिल हुए राफेल
राफेल फाइटर जेट की अम्बाला स्थित 17 गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन में औपचारिक एंट्री इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है। 17 साल बाद देश का कोई रक्षा मंत्री अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन पर किसी बड़े समारोह में शामिल हुआ है। इससे पहले अगस्त 2003 में एनडीए सरकार में रक्षा मंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस ने 73 की उम्र में अम्बाला से मिग-21 बाइसन में उड़ान भरी थी।
राफेल की डील और भारत में डिलीवरी
भारत ने फ्रांस के साथ 2016 में 58 हजार करोड़ रुपए में 36 राफेल जेट की डील की थी। इनमें से 30 फाइटर जेट्स होंगे और 6 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट होंगे। ट्रेनर जेट्स टू सीटर होंगे और इनमें भी फाइटर जेट्स जैसे सभी फीचर होंगे। भारत को जुलाई के आखिर में 5 राफेल फाइटर जेट्स का पहला बैच मिला। 27 जुलाई को 7 भारतीय पायलट्स ने राफेल लेकर फ्रांस से उड़ान भरी थी और 7,000 किमी का सफर तय कर 29 जुलाई को भारत पहुंचे थे। पिछले साल दशहरे पर 8 अक्टूबर को राफेल जब भारत को सौंपे गए थे, तब फ्रांस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिंदू रीति रिवाज से शस्त्र पूजा करते हुए राफेल पर 'ओम' बनाकर नारियल चढ़ाया और धागा बांधा था। उनकी इस पूजा पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए थे।