घाटी में पाबंदियां उसी तरह जैसे 370 हटने के बाद लगी थीं, लेकिन इस बार लोग खुशी से प्रशासन का साथ दे रहे, इंटरनेट भी बंद
विदेशों में पढ़ाई कर रहे कश्मीर छात्र अब बड़ी संख्या में वापस अा रहे हैं
श्रीनगर में जनता कर्फ्यू का व्यापक असर है। वैसे तो सरकार ने घाटी में तीन दिन पहले से ही सख्त पाबंदियां लगा रखी थीं। लेकिन सोमवार को इसका दायरा बढ़ा दिया। इससे ट्रैफिक पूरी तरह ठहर गया है। स्कूल-कॉलेज, दुकानें और दफ्तर बंद हैं। इंटरनेट सेवा भी ठप है। सिर्फ जरूरी सुविधाएं ही बहाल हैं। इससे जुड़े लोग आईकार्ड दिखाकर आ-जा सकते हैं। घाटी में यह पाबंदियां उसी तरह हैं, जैसे पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लगी थीं। लेकिन फर्क यह है कि तब लोग पाबंदियों का विरोध कर रहे थे और इस बार वे खुशी से प्रशासन का साथ दे रहे हैं। ताकि कोरोनावायरस से जीता जा सके। कश्मीर प्रशासन को सबसे बड़ी दिक्कत आ रही है, उन कश्मीरी छात्रों की स्क्रीनिंग करने में, जो अलग-अलग देशों में पढ़ाई करते हैं, पर अब वे घाटी वापस आ रहे हैं। उनकी स्क्रीनिंग करके उन्हें क्वरैंटाइन करना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। कुछ दिन पहले कश्मीर के तीन छात्र जो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते हैं, वे यूएई से अलीगढ़ लौटे थे। उन्हें यूपी प्रशासन ने 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन किया था। पर वे वहां से भाग निकले और कश्मीर आ गए। अब प्रशासन उन्हें खोज रहा है।
श्रीनगर में धारा-144 लागू किया गया, पुलिस स्टेशनों पर थर्मल स्कैनर लगाए गए
श्रीनगर में धारा-144 लागू कर दी गई है, ताकि लोगों कहीं भी एकजुट न हो सकें। सरकार ने समाज के सभी लोगों से अपील की है कि वे जनता कर्फ्यू में सहयोग दें। कश्मीर पुलिस ने रोस्टर बनाया है ताकि पुलिसकर्मी अल्टरनेटिव वीक पर काम कर सकें। पुलिस स्टेशनों पर थर्मल स्कैनर लगाए गए हैं।
कश्मीर में सभी सरकार छुटि्टयां रद्द, 65 होटल क्वरैंटाइन सेंटर बनाए गए
कश्मीर में सभी सरकारी छुट्टीयां रद्द कर दी गई हैं। तमाम होटल और रेस्टोरेंट बंद कर दिए गए हैं। जो खुले हैं, उन्हें सील कर दिया गया है। 65 होटलों को क्वरैंटाइन सेंटर बना बनाया गया है। यहां बाहर से आने लोगों को 14 दिन तक रखा जा रहा है। प्रशासन ने कोरोना से लड़ने के तीन करोड़ रुपए जारी किए हैं। जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड ने सभी धार्मिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया। वो भी तब जब घाटी में मेराज-उल-आलम त्योहार है।