भूखे-प्यासे लोगों की मदद के लिए उठे सैकड़ों हाथ
मुश्किल घड़ी में सेवा में तैनात डॉक्टर और पुलिस का जनता का सलाम
भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की हालत भयावह होती जा रही है। प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 160 हो गई है। आठ लोग जान गंवा चुके हैं। भोपाल में 14 मामले सामने आए हैं। ऐसी मुश्किल घड़ी में सेवाकार्य में तैनात डॉक्टर और पुलिस अपने कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वहन कर रहे हैं। राजधानी में कोरोना संक्रमण के खिलाफ जागरूक नागरिकों ने हमारी गली, हमारी जिम्मेदारी के दायित्व को निभाना शुरू कर दिया है। संकट की घड़ी में लोग सबसे बड़ी समस्या भोजन के लिए आगे आए हैं। अपने आसपास के स्थानों पर लोगों द्वारा गरीबों, असहाय और बेबस परिवारों को चिन्हित कर भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। भोजन भी किसी संस्था से नहीं बल्कि घरों में तैयार कर बांटा जा रहा है। हम समाज के लिए मिसाल बने ऐसे ही लोगों को आपसे रूबरू करा रहे हैं।
पहल फाउंडेशन
अयोध्या बासपास पर स्थित पहल फाउंडेशन के युवा साथी ऐसे समय में घर से बाहर आकर गरीब लोगों की मदद कर रहे है। 28 मार्च से लगातार यह फाउंडेशन शहर के सभी क्षेत्रों में जाकर भूखे-प्यासे लोगों को भोजन करा रहा है और लोगों को इस बीमारी से बचने के उपाय भी समझा रहा है। पहल फाउंडेशन के सदस्य शुभम कश्यप, तनुज चौकसे, अजय शांकवार, किशन अग्रवाल, कार्तिक सोनी, शुभम चौहान, पियूष तिवारी, अरविन्द शर्मा हर रोज इस काम में अपना सहयोग प्रदान कर रहे है। कोरोना वायरस को हराने के लिए शहर की श्री श्वेताबंर जैन समाज की संस्था जैन यूथ क्लब काम कर रही है। 21 दिन के लॉकडाउन में पुराने शहर की गली-गली जाकर जरूरतमंदों को भोजन बांटा जा रहा है। संस्था के 20 से ज्यादा सदस्य रोजाना अलग-अलग कॉलोनियों में पांच‑पांच की टीम बनाकर खाना लेकर जाते हैं। एक टेबल पर उन्हें रखकर लोगों को खाना बांटते हैं। आसपास के जरूरतमंद को भोजन वितरण की जानकारी दी जाती है। क्लब ने 14 अप्रैल तक इस तरह भोजन बांटने का संकल्प लिया है। पुराना आरटीओ के पास गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का काम शाजिदा नगर के रहवासी आरिफ खान ने शुरू किया है। उन्होंने बताया कि इस नेक काम के लिए चार‑पांच परिवार आगे आए हैं। इन्होंने क्षेत्र के ही बेबस बच्चों व फुटपाथ पर गुजर बसर कर रहे परिवारों की भूख मिटाने की जिम्मेदारी ली है। रोजोना करीब 30 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया है। इस काम में युवाओं के साथ बच्चे भी अहम भूमिका में है। जो सुबह ही जरूरतमंद परिवारों के सदस्यों की संख्या गिनते हैं। कोलार रोड स्थित जेके टाउन में रहवासियों के साथ निर्माण कार्य में लगे मजदूर भी रह रहे हैं। कोरोना संक्रमण के कारण प्रोजेक्ट का काम बंद होने के साथ मजदूर भी यही फंस गए हैं। रहवासियों ने इनके खाने-पीने की व्यवस्था की जिम्मेदारी उठाई है। जेके टाउन रहवासी समिति के अध्यक्ष घनश्याम तिवारी ने बताया कि सामाजिक संगठन और रहवासी आपसी तालमेल कर भोजन व्यवस्था कर रहे हैं। जरूरत के हिसाब से इन्हें इलाज भी मुहैया कराया जा रहा है।