विधानसभा शीतकालीन सत्र अनुपूरक बजट समेत 20 विधेयक पेश करेगी राज्य सरकार

भोपाल। विधानसभा का 28 दिसंबर से होने वाले तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र में सरकार अनुपूरक बजट समेत बीस विधेयक भी प्रस्तुत करेगी। इसमें धर्म स्वातंत्र्य, दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) यानी लव जिहाद व महापौर,अध्यक्ष के चुनाव सीधे तौर पर कराए जाने जैसे अहम विधेयक शामिल हैं। सत्र में नए 28 विधायकों की शपथ भी होगी व अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के लिए चुनाव भी कराए जाएंगे। विभागीय सूत्रों के अनुसार,तीन दिवसीय सत्र में बीस विधेयक पेश किए जाने हैं। संभवतया यह पहला मौका है, जब महज तीन दिन के सत्र में इतने अधिक विधेयक लाए जा रहे हों। जो विधेयक आने हैं,उनमें नगर पालिका विधि संशोधन के साथ लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी, सिविल प्रक्रिया संहिता, मध्य प्रदेश सिविल न्यायालय, दंड विधि, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, कराधान अधिनियमों की पुरानी बकाया राशि का समाधान, मोटर स्प्रिट उपकर, हाई स्पीड डीजल उपकर, वेट संशोधन, निजी विश्वविद्यालय, सिंचाई प्रबंधन में कृषकों की भागीदारी संशोधन विधेयक भी शामिल हैं। सत्र की अवधि एवं विधायी कार्यों को देखते हुए माना जा रहा है,कि सभी विधेयकों पर विस्तृत चर्चा होना मुश्किल है। दरअसल,पहले दिन दिवंगतों को श्रद्धांजलि, नए विधायकों की शपथ जैसे कार्य संपादित होंगे। अगले दिन अध्यक्ष,उपाध्यक्ष के चुनाव की गहमागहमी के बीच विधेयक पेश होंगे। तीसरा दिन इन पर चर्चाओं के लिए नियत होगा। हालांकि सदन की कार्यवाही का स्वरूप क्या हो,इसका फैसला क्रिसमस पर्व के बाद होने वाली सर्वदलीय बैठक में तय होगा।
सत्र की तैयारियों को लेकर बैठक
सत्र की तैयारियों को लेकर सामयिक अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने गुरुवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें निर्देश दिए गए कि सदस्यों की कोरोना संबंधी जांच की रिपोर्ट तीन दिन से ज्यादा पुरानी न हो। अस्वस्थ सदस्यों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए वीडियो कांफ्रें सिंग की सुविधा दी जाएगी। वहीं, सदन की दीर्घाओं में भी सदस्यों की बैठक व्यवस्था रहेगी।
विधायकों के स्वजनों की भी होगी जांच
सामयिक अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा,कि सत्र के दौरान कोरोना की गाइडलाइन के मुताबिक व्यवस्थाएं की जाएं। विधायक विश्राम गृह के हर भवन में जांच की व्यवस्था की जाए और सत्र प्रारंभ होने से दो दिन पहले से प्रतिदिन आसपास के स्थानों को सैनिटाइज कराया जाए। विधानसभा सदस्यों के साथ आने वाले स्टाफ, साथियों एवं परिवारजनों की भी कोरोना जांच कराई जाए। बिना जांच के किसी को भी विधानसभा परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जो सदस्य जिलों से जांच की रिपोर्ट लेकर आएंगे, उन्हें जांच कराने की जरूरत नहीं होगी। यह रिपोर्ट तीन दिन से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था भी पहले की तरह रहेगी। इससे उनकी उपस्थिति मान्य की जाएगी। शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित करने के लिए दीर्घाओं में मंत्रियों और सदस्यों के बैठने की व्यवस्था रहेगी।