मंत्रिमंडल गठन शिवराज की दूसरी परीक्षा, 9 बागी नेताओं की जगह लगभग तय
मंत्रीमंडल में कांग्रेस के नौ बागी नेताओं को जगह मिल सकती है।
भोपाल: प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर बीजेपी ने सरकार तो बना ली है, लेकिन कोरोना वायरस से निपटने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने मंत्रिमंडल का गठन और तमाम बड़े नेताओं समेत बागियों और अनुभवी विधायकों को संतुष्ट करना बड़ी चुनौती होगा। शिवराज मंत्रिमंडल का गठन अप्रैल के आखिरी सप्ताह में हो सकता है। शिवराज के मंत्रिमंडल में 25 से 30 मंत्रियों को जगह मिल सकती है।
कांग्रेस के 9 बागी अब बीजेपी के मंत्री होंगे
शिवराज सिंह चौहान की सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक और कांग्रेस के बागी 22 विधायकों में से 9 नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिलना तय माना जा रहा है। इनमें तुलसी सिलावट, महेंद्र सिसोदिया, गोविंद राजपूत, प्रभु राम चौधरी, इमरती देवी और प्रद्युम्न तोमर जैसे नाम प्रमुख हैं जो पहले कांग्रेस सरकार में भी मंत्री थे। इसके अलावा वरिष्ठ बागी विधायक बिसाहूलाल साह, ऐंदल सिंह कंसाना और राजवर्धन सिंह दत्तीगांव भी मंत्रिमंडल में जगह पा सकते हैं।
कैबिनेट मंत्रियों के साथ 8 राज्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान का मंत्रिमंडल 25 से 30 सदस्य होने की संभावना है जिसमें करीब 8 राज्यमंत्री भी हो सकते हैं। वहीं शिवराज के सामने अपने करीबियों को मंत्रिमंडल में शामिल करना बड़ी चुनौती होगी। बीजेपी के बड़े नेता माने जाने वाले जगदीश देवड़ा, अजय विश्नोई, करण सिंह वर्मा, कमल पटेल, मीना सिंह, बृजेंद्र प्रताप सिंह भी मंत्री पद के दावेदार हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में शिवराज के 13 मंत्री चुनाव हार गए थे और कई नेताओं को टिकट तक नहीं मिला था।
बागियों की एन्ट्री से बिगड़ेगा दलित समीकरण
बीजेपी में कांग्रेस के बड़े दलित नेताओं की एंट्री से पार्टी का इंटरनल दलित समीकरण बिगड़ने के आसार हैं। कांग्रेस से बीजेपी में आए तुलसी सिलावट, इमरती देवी और प्रभु राम चौधरी दलित वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। अगर इन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी जाती है तो बीजेपी के वरिष्ठ दलित और आदिवासी नेताओं को साधना शिवराज के लिए टेढ़ी खीर हो सकता है। ओमप्रकाश सकलेचा, यशपाल सिसोदिया, राजेंद्र पांडे, देवेंद्र वर्मा, रमेश मेंदोला और उषा ठाकुर जैसे कुछ ऐसे विधायक है जो तीन या चार बार से चुनकर आ रहे हैं इसके चलते यह सभी भी मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं।
इनका मंत्री बनना लगभग तय
ऑपरेशन लोटस में अहम भूमिका निभाने वाले और प्रदेश के बड़े नेताओं में शुमार गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, रामपाल सिंह, अरविंद भदौरिया, विश्वास सारंग, गौरीशंकर बिसेन, जालम सिंह पटेल, भूपेंद्र सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, पारस जैन, विजय शाह, सीताशरण शर्मा, सुरेंद्र पटवा कुछ ऐसे बड़े नाम है जो पहले भी सरकार में मंत्री रह चुके हैं और इस बार भी प्रबल दावेदार हैं।