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बन ही गई ‘उज्जैन पवित्र नगरी’: आखिरकार ट्रूपल की मेहनत रंग लाई

  • माँस की दुकानों के बाद अब ट्रूपल को मदिरा की दुकानों को भी अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कराए जाने की आस
    देश के तेजी से बढ़ते ऑनलाइन न्यूज़ चैनल ट्रूपल डॉट कॉम की बरसों की मेहनत आखिरकार रंग ले आई है। चैनल द्वारा वर्ष 2019 से शुरू की गई ‘उज्जैन पवित्र नगरी’ की पहल अब जाकर पूरी हुई है। इस पहल का उद्देश्य उज्जैन स्थित त्रिलोक स्वामी महांकाल के मंदिर परिसर के आसपास की माँस-मदिरा की दुकानें परिसर से दूरस्थ स्थान पर प्रतिस्थापित कराने का था। इसके लिए चैनल द्वारा उज्जैन प्रशासन को सैकड़ों चिट्ठियाँ लिखी गईं, शहर में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, सोशल मीडिया पर मुहीम छेड़ी गई, ऑनलाइन पोल चलाए गए, आम जनता को इस पहल से जोड़ा गया और साथ ही इस पहल के पक्ष और विपक्ष में एक विशेष सर्वे भी किया गया, जिसमें विशेष तौर पर जनता की ओर से यह नतीजा निकलकर आया कि भक्तों की भावना किसी भी प्रकार से आहत नहीं होना चाहिए।
    महापौर मुकेश टटवाल द्वारा मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) के सदस्यों के साथ चर्चा के दौरान यह घोषणा की गई कि महांकाल मंदिर परिक्षेत्र के आसपास की तमाम अवैध माँस/मटन की दुकानों को हटाया जाएगा। बैठक में महापौर ने बताया कि उज्जैन शहर में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने हेतु आते हैं, ऐसे में मंदिर परिसर के आसपास स्थित इस तरह की दुकानों को देखकर उनकी भावनाएँ आहत होती हैं।
    अतुल मलिकराम, ट्रूपल डॉट कॉम के को-फाउंडर, कहते हैं, “सावन के पावन महीने की शुरुआत से पहले यह घोषणा बेहद सराहनीय है। यह पहल प्रशासन और आम जनता के सहयोग बिना संभव नहीं थी। इसके लिए सैकड़ों चिट्ठियों के माध्यम से हमने कई बार माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कलेक्टर, पार्षद, विधायक, महापौर, सांसद, गृह मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, पुरातत्व विभाग, महांकाल मंदिर एसोसिएशन, उज्जैन विकास प्राधिकरण, उज्जैन टूरिज्म, सिंहस्थ मेला प्रशासन, नगरीय प्रशासन और यहाँ तक कि मंदिर के पुजारियों तक के दरवाज़े खटखटाए, लेकिन हमेशा निराशा ही हाथ लगी। लेकिन वह कहावत है न ‘उसके घर देर हैं, अंधेर नहीं।’ आस्था है, तो रास्ता है।”
    वे आगे कहते हैं, “माननीय महापौर द्वारा एमआईसी के साथ संयुक्त रूप से लिया गया फैसला उज्जैन पवित्र नगरी के हित में आया है। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। हम जल्द ही मदिरा की दुकानों को भी परिसर से दूरस्थ स्थान पर स्थानांतरित कराने के अनुरोध के साथ माननीय महापौर के आभारी हैं। साथ ही उज्जैन के रहवासियों और समाज से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया के भी आभारी हैं, क्योंकि उनके साथ ने हमें इस पहल पर काम करने के लिए मूल रूप से प्रेरित किया।”

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